कोलकाता: देश के सबसे बड़े मुस्लिम छात्र संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (MSO) की और से “भारत के संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकार” पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
एमएसओ संरक्षक पीर डॉ मुफ्ती शकील अहमद असवी, मजलिस ए उलेमा बंगाल के मौलाना शब्बीर मलिक मिस्बाही और एमएसओ पश्चिम बंगाल सलाहकार बोर्ड के एडवोकेट तौसीफ अहमद ने ‘भारत के संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकार’ से संबंधित संक्षिप्त भाषण दिया।
उन्होने कहा कि भारत का संविधान सभी को अपना खुद का अभ्यास और प्रचार करने की अनुमति देता है। धर्म और शिक्षा का अधिकार सभी के लिए मौलिक अधिकार है। इस प्रकार, सभी को अपने अधिकारों को जानने के लिए पहले शिक्षित होना चाहिए और उसके बाद ही हमारे समाज में बदलाव आएगा।
डब्ल्यूबीबी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री इंताज अली शाह ने समकालीन स्थिति में मुसलमानों के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने एकजुटता, सद्भाव और एकता का संदेश दिया। वही एमएसओ राष्ट्रीय सचिव असफाक अहमद असवी ने बताया कि किस तरह एमएसओ ने देश भर में मुस्लिम शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इस दौरान एमएसओ के पश्चिम बंगाल राज्य के सोशल मीडिया सचिव, सैयद समिरुल इस्लाम चिश्ती, सोशल मीडिया समन्वयक जहांगीर गाजी, स्टेट कैंपस सचिव नियाज़ आलम, मौलाना अकबर मिस्बाही, राज्य समिति के सदस्य मेहदी हसन मिर्जा, इस्लाम बरूईपुर यूनिट समन्वयक, कोलकाता यूनिट समन्वयक नूरानी रज़ा और अन्य उपस्थित थे।