भानपुरा/मंदसौर: मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (एमएसओ) की भानपुरा यूनिट की और से ताजुश्शरिया हजरत मुफ्ती अख्तर रजा खां उर्फ अजहरी मियां का तीसरा उर्स शरीफ गुरुवार को बाद नमाज जौहर नियारगर मस्जिद में बड़ी शानों-शौकत के साथ मनाया गया। उर्स की शुरुआत कुरान की तिलावत से हुई। जिसके बाद नाते रसूल और दरूदों-सलाम का का नजराना पेश किया गया।
इस दौरान शहर काजी और गागरोन शरीफ दरगाह दीवान इमरान अली साहब ने हुजूर ताजुश्शरिया की दीनी खिदमात पर रोशनी डाली। उन्होने बताया कि हजरत मुफ्ती अख्तर रजा खां (अजहरी मियां) शरीयत के ताज है। इसलिये उन्हे ताजुश्शरिया कहा गया। उनके दादा भी वली रहे हैं तो उनके नाना भी वली। हुजूर ताजुश्शरिया नवासा ए हुजूर मुफ्ती ए आजम हिंद है। हुजूर ताजुश्शरिया आला हजरत ईमाम अहले सुन्नत अहमद रजां फाज़िले बरेलवी के परपोते हैं। वहीं आप हुज्जतुल इस्लाम हज़रत हामिद रजां खां के सगेपोते हैं।
उन्होने बताया कि हुजूर ताजुश्शरिया ने जामिया अल़अज़हर काहिरा (मिस्र) से तालिम हासिल की। यूनिवर्सिटी में टॉप करने पर आप को मिस्र के राष्ट्रपति कर्नल अब्दुल नासिर के हाथों ”फकरे अज़हर” अवार्ड से सम्मानित किया गया था इसलिए आपको अज़हरी लकब से दुनिया जानती है। आप जॉर्डन की राजधानी ओमान के रॉयल स्टडीज़ सेंटर से हर साल जारी होने वाली दुनिया के 500 प्रभावशाली मुसलमानों की सूची में टाॅप 25 शख्सियत में शामिल रहे है। इस सूची में भारत से शामिल होने वाले शख्स के तौर पर आप पहले स्थान पर रहे हैं। दुनिया भर में आपके 25 करोड़ से ज्यादा मुरीद है। आप भारत से मक्का में गुस्ल ए काबा में मेहमान के तौर पर शरीक हुए। इसलिए आपको ‘मेहमान ए काबाʼ भी कहा जाता है।
इस मौके पर अंजुमन सदर जाफ़र साहब, इमाम ओ खतीब अली अकबर साहब (लीलगर मस्जिद), इमाम ओ खतीब मौलाना रफीक साहब (सिपाही मस्जिद), इमाम ओ खतीब मौलना सलीम साहब (देशवाली मस्जिद) ख़ानक़ाह ए मदारिया से पीरे तरीकत सूफी बरकत साहब, जनाब इकबाल साहब, सोशल एक्टिविस्ट मोहसीन कुरैशी, एमएसओ प्रेसिडेंट अनस मुलतानी, सरफराज कादरी, शानू भाई, अफ़रोज मुल्तानी, बबलू आदि मौजूद रहे। इस दौरान कोविड गाइडलाइंस और सोशल डिस्टेन्सिंग का भी पूरा पालन किया गया।