हैदराबाद: मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (एमएसओ) की मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) यूनिट द्वारा इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मुहम्मद (सलल.) के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में दूसरी वार्षिक ‘अज़मत-ए-रसूल कांफ्रेंस’ का आयोजन किया गया।
कांफ्रेंस की शुरुआत हाफिज मुहम्मद सिराज मंजरी ने पवित्र कुरान की आयतों को पढ़कर की। मौलाना अमन नवाज साहब मुतलम एलएनएमयू बिहार ने अपनी प्यारी और मीठी आवाज में नात पढ़कर सुनने वालों का दिल जीत लिया। इस दौरान हजरत मौलाना मुस्तफा रजा साहिब, किबला रिसर्च स्कॉलर, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से इस समारोह में विशिष्ट अतिथि थे।
मौलाना मुस्तफा रजा साहिब ने कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “एक आस्तिक के लिए सबसे अच्छा और सबसे मूल्यवान धन उसका विश्वास है। यदि हमारा विश्वास मजबूत है, तो हम इस दुनिया और परलोक में सफल होंगे।” उन्होने कहा, वह अल्लाह के अंतिम नबी और दूत हैं। उन्हें दुनिया में ऐसे समय में भेजा गया था जब हर तरफ जुल्म का बाजार गर्म था। लोग उत्पीड़न के पहाड़ों को तोड़ रहे थे, इसलिए पैगंबर (सलल.) एक दया के रूप में आए और दुनिया शांति का संदेश दिया।
कांफ्रेंस का संचालन मौलाना नौशाद साहब ने किया। कांफ्रेंस का समापन दुआ और सलातों-सलाम के साथ हुआ। इस दौरान सलमान सिद्दीकी, अध्यक्ष एमएसओ मानू यूनिट, इरशाद अहमद बरकती, हलाल खान और संगठन के अन्य जिम्मेदार उपस्थित थे।