लखनऊ: मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन ऑफ़ इन्डिया (एमएसओं) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन के दुसरे दिन मुल्क भर से आये पचास (50) युवा प्रतिनिधियों ने कट्टरता और नफ़रत के खिलाफ़ लड़ने का फैसला किया और भारत सरकार से दस सूत्रीय मांगो पर आधारित प्रस्ताव पास किया गया जिसमे प्रमुख तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से मांग की गयी की। संगठन के नए अध्यक्ष जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के शोध छात्र मुदस्सर अशरफ़ी चुने गए।
प्रख्यात पत्रकार, ब्रॉडकास्टर्स एडिटर्स एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य और राजनीतिक चिंतक प्रशांत टंडन ने कहाकि मुसलमानों की मीडिया छवि को ध्यान से देखेंगे तो आप पाएंगे कि वह एक राजनीतिक दल के लिए काम रही है। यही मनोविज्ञान मुसलमानों को ग़लत वजह से मीडिया में लाए जाने के लिए उकसाती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि अगर कोई मुफ़्ती अजीब सा फ़तवा दे देता है तो भारत का मीडिया उसे ज़रूर तरजीह देता है क्योंकि उसके मन में मुस्लिम विरोध ठाठे मार रहा होता है। इसी बकवास कवरेज की ऑक्सीजन से सियासी दलों की राजनीति चलती है। टंडन ने इंगित किया कि अगर मुसलमान अपनी योग्यता और रणनीति के आधार पर मीडिया ही नहीं बल्कि सभी निर्णय लेने वाली संस्थाओं में जगह बना ले तो वह समाज में बेहतर जगह बना पाएगा।
मांग पत्र
1. आतंकवाद और कट्टरता को रोकने के लिए सुफिस्म पर आधारित अमन शांति की विचारधारा को प्रोत्साहन दिया जाये और अंतर्राष्ट्रीय साजिशो को समझते हुए देश में बेहतर फिजा कायम की जाए!
2. स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटीज के सिलेबस में सूफी संतो की शिक्षाए शामिल की जाएँ!
3. शांति विकास की पहली शर्त है इसलिए मुस्लिम समाज में देश भर में जारी असुरक्षा की भावनाओ को समाप्त किया जाये, त्रिपुरा और असम हिंसा के दोषियो पर सख़्त कारवाई की जाए और इसके लिए ज़िम्मेदार संगठनो पर प्रतिबंध लगाया जाए। ऐसे संगठन हिंसा से विदेशो मे भारत की छवि को न सिर्फ धूमिल कर रहे है बल्कि डिप्लोमैटिक रूप से भारत का नुकसान कर रहें है।
4. त्रिपुरा हिंसा ग्रस्त इलाकों का दौरा करने गए टीएफआई के चेयरमैन मौलाना क़मर गनी उस्मानी को फौरन रिहा किया जाए।
5. वक्फ डवलपमेंट कोंसिल वक्फ की संपत्ति को कार्पोरेट जगत बर्बाद कर देगा इस लिए वक्फ बोर्ड डेवलपमेंट कोंसिल को भंग किया जाये
6. अजमेर शरीफ में सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशात के मुताबिक ख़वाजा गरीब नवाज अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी कायम की जाये
7. मुस्लिम युवायों को मुख्य धाराओं में लाने के लिए रोज़गार व्यापार और लोन के अधिक से अधिक अवसर प्रदान किये जाएँ
8. अल्पसंख्यक जिलो में बेहतर अंग्रेजी मीडियम संस्थान खोले जाएँ ताकि मुस्लिम युवा देश और समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें
9. सूफी दरगाहों मस्जिदों और वक्फ़ की जायदादो से कट्टरवादी विचारधारा के कब्जे हटाने के लिए सरकार कड़े क़दम उठाये और यह संपत्तियां वक्फ के अनुसार मैनेज की जाएँ!
10. आपसी सद्भाव और भाईचारे को बढ़ाने के लिए कदम उठायें जाए
सम्मेलन मे तेलंगाना, मणिपुर, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, बिहार, वेस्ट बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, असम और राजस्थान समेत 18 प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।