अल्लाह वो जो अक़्ल में न आए: मौलाना ज़ैद रज़ा मिस्बाही

छात्र संघठन मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया की कौशाम्बी यूनिट ने फरवरी महीने के शुरू में ही हर महीने की आखरी सनीचर को एक, डेढ़ घंटे की महफ़िल करने का ऐलान किया था | जिसकी पहली महफ़िल 27 फरवरी को होनी थी लेकिन 27 फरवरी को ही विधानसभा इलेक्शन होने की वजह से 1 हफ्ता पहले यानी 19 फ़रवरी दिन सनीचर बाद नमाज़े इशा 08:30 से 10:00 बजे तक रखी गई, जिसका मौज़ू “अल्लाह त’आला की ज़ात व सिफ़आत” था |जिसकी शुरुआत हाफ़िज़ क़ारी रहबर अली ( मदरसा एहसानिया ) ने क़िराअत की और मौलवी अमीर ख़ुसरू एहसानी साहब ने हम्द पढ़ी फिर फ़ैज़ आलम फ़ैज़ साहब ने ऐसी नात पढ़ी की लोग झूमने पर मजबूर हो गए |

ख़िताब करने फ़ूलपुर इलाहाबाद से आये हुए मौलाना ज़ैद रज़ा मिस्बाही साहब ने अल्लाह त’अला की ज़ात को बलन्द व बाला बताया कहा कि “अल्लाह वो है जो इंसान के अक़्ल में नहीं आ सकता और जो अक़्ल में आ जाए वो अल्लाह नहीं हो सकता” और कहा कि अल्लाह को अल्लाह, खुदा,या रब्बुल अलामीन के नाम से ही पुकारा जाए तो बेहतर है| ईश्वर, राम, भगवान वगैरह कहने से मुसलमान को बचना चाहिए | तकरीर के बाद मौलाना ज़ैद रज़ा मिस्बाही साहब ने तक़रीबन 15 मिनट तक अल्लाह का ज़िक्र कराया फिर सलाम पढ़ा गया |

महफ़िल की सरपरस्ती कर रहे मौलाना इक़बाल अहमद एहसानी साहब [प्रिंसिपल मदरसा एहसानिया] ने महफ़िल में बैठे सभी लोगो के लिए दुआ मांगते हुए कहा अल्लाह हमे सिर्फ अपनी ज़ात पर यक़ीन और ईमान रखने तौफ़ीक़ आता करे और यूं नौजवानों को दीन की खिदमत करने की हिम्मत ताक़त बख्शे| प्रोग्राम के बाद एम०एस०ओ० कौशाम्बी यूनिट के हसन एहसानी ने अगली महफ़िल का ऐलान किया और बताया कि इंशा अल्लाह अगली महफ़िल 26 मार्च (सनीचर) हाफ़िज़ फ़िरोज़ आलम एहसानी साहब के घर पर होगी !

महफ़िल में एम०एस०ओ० कौशाम्बी यूनिट के तमाम मेम्बर्स मौजूद रहें साथ ही जमील अहमद एहसानी, नूरे नबी, फरीद वकील, ज़ियाउद्दीन, इरफान, रिज़वान अंसारी, और मो०हारून आदि लोग मौजूद रहें |

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