तालिबान का छात्राओं की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाना इस्लाम और कुरान के खिलाफ़ – MSO

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत ने छात्राओं को शिक्षा प्राप्त करने पर रोके जाने से भारतीय मुस्लिमों की युवा और छात्र संगठन MSO ने सख्त नाराज़गी का इज़हार किया है और कहा है कि शिक्षा प्राप्त करना हर महिला का इस्लामी हक़ है। MSO ने तालिबान को इस्लाम और कुरान को सही से पढ़ने की सलाह दी है।

MSO के अध्यक्ष मोदससीर अशरफी ने जारी बयान में कहा कि तालिबान एक इंतेहा पसंद और कबाईली संगठन हैं और इसलिए भारत के आम मुसलमानो ने कभी भी तालिबान को तस्लीम नहीं किया, तालिबान के सत्ता मे आने के बाद से ही अफगानिस्तान मे इस्लाम की आड़ मे कबाईली और क्रूर शासन लागू करने मे लगे है। फिर भी भारत सरकार ने मानवता के आधार पर अफगानिस्तान की जनता को जरुरी सामग्री उपलब्ध काराई है और अफगानिस्तान पर बहुत बड़ा एहसान हजारों करोड़ों रुपए निवेश करके किया है।

MSO के अध्यक्ष मोदससीर अशरफी ने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम ने अपने अनुयायियों को चाहे वो मर्द और या महिला सभी के लिए शिक्षा प्राप्त करने को फर्ज़ करार दिया है। पैग़म्बरे इस्लाम ने एक हदीस शरीफ़ में शिक्षा की एहमियत और महत्वपूर्णता बताते हुए ये भी कहा है कि इल्म हासिल करो चाहे तुम्हें चीन ही जाना क्यों न पड़े ।

अशरफी ने आगे कहा कि अफगानिस्तान पर जब से तालिबान ने सरकार बनायी है उस वक्त से लेकर अब तक महिलाओं की शिक्षा के लिए अलग अलग आदेश जारी किये है, तालिबानी विदेश मंत्री द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने पर भारत के उलमा चिंतित और सख्त नाराज़ हैं, इस्लाम के नाम पर हुकूमत चलाने वाले लोगों को सही से इस्लाम पढ़ने की जरूरत है, इस्लाम महिलाओं को शिक्षा हासिल करने की इजाजत देता है।

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