कौशाम्बी: मुल्क के सबसे बड़े मुस्लिम छात्र संगठन एम० एस० ओ० ( मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ इण्डिया) के बैनर तले एम० एस० ओ० कौशाम्बी यूनिट हर माह के आखिरी सनीचर को बज़्मे एहसानी नाम से नौजवानाने अहले सुन्नत की इस्लाह के लिए महफ़िल करती है !
इस बार यानी फरवरी माह की महफ़िल मंझनपुर के आज़ाद नगर के मो० नज़ीर साहब (सभासद) के घर पर 25 फ़रवरी दिन सनीचर को हुई ! महफ़िल का आगाज़ कुरआने पाक की तिलावत से हुआ, फिर नज़ीर मंझनपुरी साहब और कासिम एहसानी साहब ने अपने-अपने मुंफरिद अंदाज में नात व मनकबत के अशआर पढ़ कर लोगो का दिल खुश कर दिया !
जिस तरह से हर महफ़िल में MSO और बज़्मे एहसानी का तआरूफ पेश किया जाता है, इस रस्म को कौशाम्बी यूनिट के सदर जनाब हसन एहसानी साहब ने अदा किया और अपने अपने घरों में महफ़िल करने की गुजारिश की ! फिर मौलाना अशरफ रज़ा साहब का खिताब हुआ जिसमे सबसे पहले मौलाना साहब ने एम०एस०ओ० यूनिट के जिम्मेदारान को ऐसी महफ़िल और उनके मकसद के लिए खूब मुबारक बाद दी, और मौजूद लोगो को एम०एस०ओ० यूनिट का साथ देने के लिए भी कहा !!
अपने मौज़ू पर बोलते हुए हज़रत ने कहा कि शाबान बहुत ही मोतबर महीना है, जिसकी कद्र किया जाना लाज़िम है और इसकी बेपनाह खूबियों की वजह से इसके अलग अलग नाम पड़े जैसे माहे नूर, माहे गुफरान,माहे बरकात, माहे रहमत !
मौलाना साहब ने खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह कहता है की मैं अपने बंदों के शह रग से भी ज्यादा करीब हूं, और तुम्हारे गुनाह कितने भी हो जाएँ तुम अल्लाह से न उम्मीद न हो, तुम अल्लाह की बारगाह में सच्चे दिल से तौबा करोगे, अश्क बहाओगे तुम्हारे अश्क जमीन पर गिरने से पहले तुम्हे बखश दिया जायेगा !
आगे हज़रत ने कहा कि हुज़ूर ﷺ रमज़ान के बाद सबसे ज्यादा रोज़ा इसी माहे शाबान में रखा करते थे ! इस माह की कद्र करो और आने वाली 15 शाबान को खूब इबादत करो और अल्लाह को राज़ी करो, आतिश बाज़ी और खुराफात से बचो ! और आगे कुछ मसले भी बयान किए की जैसे 15 शाबान को जब आपने अजदाद के क़ब्रों पर जाओ तो मोमबत्ती वगैरा क़ब्र के करीब न जलाओ बल्कि इस नियत से तो बिलकुल नहीं कि मोमबत्ती जलाने से साहिबे क़ब्र को कुछ फायदा होगा बल्कि राहगीरों को रास्ते में आने जाने में आसानी होगी या किसी खास बुजु़र्ग की मजार है तो जला सकते हैं की ये क़ब्र तमाम क़ब्र वालों से अलग है !
ख़िताब के बाद बुजुर्गों की रिवायत पे अमल करते हुए अल्लाह का ज़िक्र कराया गया! फिर सलाम और कौम को दीन पर अमल करने की और मुल्क के अमन व सलामती की दुआ मांगी गई !
दुआ के बाद यूनिट के सदर जनाब हसन एहसानी साहब ने सभी का शुक्रिया अदा किया और नवजवानाने अहलेसुन्नत से हर महफ़िल में शिरक़त की गुजारिश की, महफ़िल में मौलाना अय्युबुल क़ादरी साहब, मौलाना यूसुफ साहब, एजाज़ सर, ताबिश, तबरेज, सलमान, शमशेर अली (खोराओं) नदीम खान, नसीम अंसारी, मो० क़ासिम आदि लोग मौजूद रहें !